
आरटीओ कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तमाम चेतावनियों के बाद भी कई स्लीपर बस ऑपरेटर वाहनों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। बसों में फायर सेफ्टी सिस्टम, इमरजेंसी एक्जिट और अन्य जरूरी उपकरण ठीक नहीं पाए गए हैं। यात्री सुरक्षा को लेकर यह लापरवाही खतरनाक है।
क्या है नया आदेश?
जयपुर आरटीओ ने सभी स्लीपर बस ऑपरेटरों को सात दिन का नोटिस जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक:
· अगले सात दिनों के भीतर सभी स्लीपर बसों को सुरक्षा मानकों के अनुरूप ठीक करना होगा।
· हर बस में अग्निशमन यंत्र, इमरजेंसी हैच और फर्स्ट एड किट अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए।
· वाहन का पंजीयन, परमिट और बीमा वैध होना चाहिए।
· ड्राइवर के पास सभी जरूरी दस्तावेज होने चाहिए।
सुधार नहीं तो क्या होगा?
आरटीओ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सात दिन की अवधि के बाद बड़ी कार्रवाई होगी। यदि किसी बस ऑपरेटर ने दिए गए समय में सुरक्षा उपायों को नहीं सुधारा, तो उस बस का पंजीयन निलंबित कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि उस बस को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं होगी। पंजीयन निलंबित होने के बाद बस चलाना एक गंभीर अपराध माना जाएगा।
यात्रियों के लिए सलाह
आरटीओ ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे स्लीपर बस में यात्रा करने से पहले बुनियादी सुरक्षा features जरूर check कर लें। अगर बस में फायर एक्स्टिंग्विशर नहीं है या इमरजेंसी एक्जिट बंद है, तो ऐसी बस में सफर न करें। यात्री शिकायत कर सकते हैं।
इस सख्ती का मकसद सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और यात्रियों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। देखना यह है कि बस ऑपरेटर इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हैं या नहीं।



