Global News India Kulwinder Singh ग़ज़ा में हिंसा तेज़, संयुक्त राष्ट्र ने जताई गहरी चिंता, अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद नहीं थम रहा युद्धग़ज़ा में हालात एक बार फिर बेहद गंभीर हो गए हैं। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इसराइली हमलों में 104 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है। इनमें महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। लगातार बमबारी और गोलीबारी के बीच कई इलाके पूरी तरह खंडहर में बदल चुके हैं। बिजली, पानी और दवाओं की भारी किल्लत से लोग बुरी तरह परेशान हैं।इसराइल की सेना ने दावा किया है कि उसने ग़ज़ा के उत्तर और केंद्र में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया है। सेना के अनुसार, हमास के लड़ाके नागरिक इलाकों में छिपकर हमले कर रहे हैं और आम लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसराइल ने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में हमास ने उनके एक सैनिक की हत्या कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।हालांकि हमास ने इस दावे को पूरी तरह ख़ारिज किया है। संगठन का कहना है कि इसराइल जानबूझकर बेगुनाह फ़लस्तीनी नागरिकों को निशाना बना रहा है। हमास के प्रवक्ता ने कहा कि इसराइल का लक्ष्य ग़ज़ा की आबादी को आतंकित करना है ताकि राजनीतिक दबाव बनाया जा सके।ग़ज़ा में तबाही का आलमग़ज़ा के अस्पताल घायलों से भरे पड़े हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ज़्यादातर लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा क्योंकि दवाओं और ईंधन की सख्त कमी है। कई अस्पताल बमबारी में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि कुछ ने सुरक्षा कारणों से काम बंद कर दिया है।संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (UNRWA) ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में लगभग 3 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़कर अस्थायी शिविरों में शरण ले चुके हैं। ज्यादातर शरणार्थी स्कूलों या मस्जिदों में ठहरे हुए हैं। एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगर युद्ध जल्द नहीं रुका तो ग़ज़ा में मानवीय संकट और गहराएगा।अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाअंतरराष्ट्रीय समुदाय ने फिर से युद्धविराम की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि हिंसा का यह दौर न केवल ग़ज़ा बल्कि पूरे मध्य पूर्व की स्थिरता को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने इसराइल से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।अमेरिका ने कहा कि वह इसराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है, लेकिन साथ ही नागरिकों की जान बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं, तुर्की, कतर और मिस्र समेत कई अरब देशों ने संयुक्त बयान जारी कर इसराइल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की है। उनके अनुसार, ग़ज़ा में हो रही तबाही अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।इसराइल-हमास संघर्ष की पृष्ठभूमियह संघर्ष पिछले अक्टूबर में तब शुरू हुआ था जब हमास ने इसराइली सीमावर्ती इलाकों पर अचानक हमला कर दिया था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। उसके बाद इसराइल ने पूरे ग़ज़ा पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया। तब से दोनों पक्षों के बीच संघर्ष रुक-रुक कर जारी है।अब, जब मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो क्षेत्र में तनाव और भी बढ़ गया है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि आम लोगों की ज़िंदगी सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रही है।आगे की स्थिति क्या?इसराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि हमास का सफाया किए बिना अभियान रोका नहीं जाएगा। वहीं, फ़लस्तीनी पक्ष का कहना है कि उनकी लड़ाई आज़ादी और आत्मसम्मान की है। दोनों पक्षों की इस जिद्द से उम्मीद की कोई किरण फिलहाल नज़र नहीं आती।विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द कोई कूटनीतिक समाधान नहीं निकला तो ग़ज़ा क्षेत्र में यह संघर्ष आने वाले महीनों तक भड़क सकता है। फिलहाल, ग़ज़ा में मौतें बढ़ रही हैं और हर तरफ तबाही की तस्वीरें पूरी दुनिया को झकझोर रही हैं।
ग़ज़ा में बढ़ा संघर्ष 104 फ़लस्तीनियों की मौत, इसराइल ने हमास पर सैनिक की हत्या का लगाया आरोप
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