चंडीगढ़, 27 सितम्बर:
पंजाब कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी हरप्रीਤ सिद्ध केंद्र सरकार ने उनकी मौजूदा डेपुटेशन अवधि पूरी होने से एक साल पहले ही पंजाब वापस बुला लिया है। इस फैसले के बाद राज्य पुलिस महकमे में एक बार फिर अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
केंद्र से पंजाब वापसी का आदेश
हरप्रीਤ सिद्ध 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस समय वे केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर तैनात थे। उनकी डेपुटेशन अवधि मार्च 2026 तक थी, लेकिन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने आदेश जारी करते हुए उन्हें तुरंत प्रभाव से पंजाब भेजने का निर्णय लिया है।
पंजाब पुलिस में बड़ा फेरबदल संभव
माना जा रहा है कि उनकी पंजाब वापसी से राज्य पुलिस में नए सिरे से फेरबदल होगा। हरप्रीਤ सिद्ध पंजाब में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं और कानून-व्यवस्था संभालने में उनका लंबा अनुभव रहा है। वे पंजाब पुलिस की विशेष टीमों और एंटी-ड्रग टास्क फोर्स (ADTF) के मुखिया भी रह चुके हैं।
नशा विरोधी मुहिम से रही है खास पहचान
हरप्रीਤ सिद्ध का नाम विशेष रूप से पंजाब में नशे के खिलाफ चलाए गए अभियानों से जुड़ा रहा है। उन्होंने एंटी-ड्रग टास्क फोर्स की अगुवाई करते हुए कई बड़े गिरोहों पर शिकंजा कसा था। उनकी इसी भूमिका को देखते हुए राज्य सरकार और पुलिस महकमे में उनकी वापसी को अहम माना जा रहा है।
केंद्र सरकार में भी संभाली अहम जिम्मेदारियां
डेपुटेशन के दौरान उन्होंने केंद्र में सुरक्षा और आंतरिक मामलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनकी कार्यशैली और निर्णय लेने की क्षमता की काफी सराहना हुई। लेकिन अब पंजाब में उनकी वापसी से संकेत मिल रहे हैं कि राज्य सरकार उन्हें किसी बड़े पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा
हरप्रीਤ सिद्ध अचानक वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था और नशा नियंत्रण को लेकर बढ़ती चुनौतियों के बीच केंद्र और राज्य, दोनों ही स्तर पर यह फैसला अहम माना जा रहा है।
अधिकारियों और जनता की उम्मीदें
पंजाब पुलिस के अफसरों और राज्य की जनता के बीच यह उम्मीद जताई जा रही है कि हरप्रीਤ सिद्ध की वापसी से पुलिसिंग में सख्ती और पारदर्शिता बढ़ेगी। खासकर युवा पीढ़ी को नशे की दलदल से बाहर निकालने की रणनीतियों पर फिर से जोर दिया जा सकेगा।
हरप्रीਤ सिद्ध की पंजाब वापसी, उनकी निर्धारित डेपुटेशन अवधि से पहले होना, यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार पंजाब की मौजूदा परिस्थितियों को लेकर गंभीर हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि उन्हें पंजाब में किस पद की जिम्मेदारी दी जाती है और वे किस तरह से राज्य की चुनौतियों से निपटते हैं।
IPS अधिकारी हरप्रीਤ सिद्ध केंद्र से वापिस बुलाए गए, डेपुटेशन अवधि पूरी होने से एक साल पहले पंजाब लौटेंगे
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