Global News India.AQI फिर पहुंचा 450 के पार, स्कूलों की छुट्टियां बढ़ीं, सड़कों पर ट्रैफिक सीमित करने के आदेशनई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2025 – राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर खतरनाक स्तर पार कर लिया है। शुक्रवार रात से हवा की गुणवत्ता (AQI) 450 के ऊपर पहुंच गई, जिससे आम लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। दिल्ली सरकार ने आज सुबह एक आपात बैठक बुलाई और “रेड अलर्ट” जारी कर दिया।सरकारी आदेश के अनुसार, सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 29 अक्टूबर तक छुट्टी रहेगी। निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही ऑड-ईवन योजना फिर से शुरू करने पर भी विचार चल रहा है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी कि अगले 48 घंटे प्रदूषण के लिए “अत्यंत गंभीर” रहेंगे, इसलिए सभी को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।प्रदूषण के प्रमुख कारणविशेषज्ञों के अनुसार, इस बार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह पराली जलाने के साथ-साथ ठंडी हवाओं का न चलना भी है। पंजाब और हरियाणा से लगातार धुआं दिल्ली की सीमा तक पहुंच रहा है। इसके अलावा, सड़कों पर बढ़ता वाहनों का दबाव स्थिति को और खराब कर रहा है।पर्यावरण सुरक्षा संगठन “ग्रीन ब्रेथ” के अनुसार, बीते 10 दिनों में पराली जलाने की घटनाएँ 25 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। उपग्रह चित्रों में हरियाणा और पंजाब के 1500 से अधिक स्थानों से धुआं निकलता पाया गया है।सरकार के कदमदिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाने की अनुमति दी गई है, जबकि निजी कंपनियों को कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ लागू करने की अपील की गई है।
DMRC ने भी अतिरिक्त मेट्रो ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है ताकि लोग निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।साथ ही, दिल्ली पुलिस ने आदेश जारी किया है कि भारी वाहनों का प्रवेश केवल रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक ही होगा। नगर निगम को सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव करने को कहा गया है ताकि धूल का असर कम हो।स्वास्थ्य पर असरAIIMS के डॉक्टरों ने बताया कि बढ़ता प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। पिछले 24 घंटों में सांस की तकलीफ के मामलों में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है। डॉक्टरों ने मास्क पहनने, घरों में एयर प्यूरिफायर का उपयोग करने और सुबह की सैर से बचने की सलाह दी है।लोगों में बढ़ती चिंतास्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह समस्या हर साल दोहराई जाती है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाता। दक्षिण दिल्ली की निवासी कविता राणा ने बताया, “हम बच्चों को बाहर खेलने नहीं भेज पा रहे हैं। घरों में भी धुंध की परत महसूस होती है।”निष्कर्षदिल्ली का प्रदूषण अब केवल स्थानीय समस्या नहीं रहा, बल्कि यह पूरे उत्तर भारत के लिए खतरे का संकेत बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सरकारें सामूहिक स्तर पर ठोस कदम नहीं उठातीं, तब तक हर सर्दी में दिल्ली गैस चैम्बर बनती रहेगी।
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण: सांस लेना हुआ मुश्किल, सरकार ने जारी किया नया अलर्ट
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