Global News India कुलविंदर सिंह RTO की लगातार कार्रवाई से बस मालिकों में नाराजगी, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर एसोसिएशन ने की अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा
राजस्थान में आज रात से परिवहन व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने वाला है। प्रदेशभर में करीब 8,000 स्लीपर बसें अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी जाएंगी। यह निर्णय ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर एसोसिएशन ने लिया है। एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र परिहार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि लगातार हो रही RTO की कार्रवाई से बस मालिकों में भारी रोष है। इसीलिए सभी निजी स्लीपर बस मालिकों ने अपनी बसें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर खड़ी करने का फैसला लिया है।
यात्रियों की बढ़ेगी मुश्किलें
इस हड़ताल के चलते राज्य के हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर और बीकानेर समेत कई बड़े शहरों से चलने वाली लंबी दूरी की बस सेवाएं अब ठप हो जाएंगी। खासतौर पर दिवाली सीजन के बाद यात्रियों की भीड़ बढ़ी हुई है, ऐसे में हड़ताल के कारण बस टिकट पाने में दिक्कतें और बढ़ जाएंगी।
कई यात्रियों ने पहले से की गई ऑनलाइन बुकिंग रद्द होते ही सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। वहीं प्राइवेट ट्रेवल एजेंसियों ने भी अपनी वेबसाइट और ऐप से ऑनलाइन बुकिंग बंद कर दी है।
RTO की कार्रवाई से नाराज बस मालिक
एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र परिहार ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से RTO विभाग द्वारा लगातार स्लीपर बसों पर जुर्माना और चालान की कार्रवाई की जा रही है। कई जगह बसों को जब्त किया गया है, जबकि कुछ मामलों में यात्रियों को उतारकर बसों को रोक दिया गया। बस मालिकों का कहना है कि उनके पास ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट है, फिर भी उन्हें ऐसे टूरिस्ट बस की तरह नहीं चलने दिया जा रहा।
परिहार ने कहा, “हम कोई गैरकानूनी काम नहीं कर रहे। हमारी बसें RTO के सभी नियमों के अनुसार रजिस्टर्ड हैं। फिर भी हमें हर जगह परेशान किया जा रहा है। जब तक सरकार और विभाग स्पष्ट नीति नहीं बनाते, तब तक बसें नहीं चलेंगी।”
सरकार से वार्ता की उम्मीद
एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि स्लीपर बसों के संचालन को लेकर एक स्पष्ट और स्थायी नीति बनाई जाए। बस मालिकों का कहना है कि बार-बार कार्रवाई से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों और टैक्स के बोझ के बीच अब जुर्मानों ने हालात और मुश्किल कर दिए हैं।
राज्य सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्लीपर बसों को सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी है। कई बसों में सीटों की संरचना और फायर सेफ्टी को लेकर शिकायतें मिली हैं। इन्हीं कारणों से कार्रवाई की जा रही है।
यात्रियों को बस स्टैंड पर लौटाया गया
जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार रात से ही कई यात्रियों को बस स्टैंड पर लौटना पड़ा। कुछ एजेंसियों ने पहले से बुक की गई टिकटों के पैसे वापस करने शुरू कर दिए हैं। वहीं रेलवे टिकटों की डिमांड अचानक बढ़ गई है।
क्या बोले ट्रेवल एजेंसी मालिक
जोधपुर की एक निजी ट्रेवल कंपनी के मालिक ने बताया, “हम रोजाना 10 से 12 बसें चलाते हैं, लेकिन RTO की कार्रवाई के डर से अब सभी बसें बंद कर दी हैं। हर बार नया नियम लागू होता है, जिससे यात्रियों और मालिक दोनों को परेशानी झेलनी पड़ती है।”
निष्कर्ष
अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो राजस्थान के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों — गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा — में भी बस सेवाओं पर असर पड़ेगा। बस मालिकों ने साफ कहा है कि जब तक सरकार स्पष्ट निर्देश जारी नहीं करती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
इस हड़ताल से ना सिर्फ बस ऑपरेटरों को नुकसान होगा, बल्कि रोजाना हजारों यात्रियों को भी सफर के लिए वैकल्पिक साधन तलाशने पड़ेंगे। प्रदेश की सड़क परिवहन व्यवस्था पर इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा।



