
Global News India मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता और सिंगर दिलजीत दोसांझ इन दिनों विवादों में घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिलजीत महानायक अमिताभ बच्चन के पैर छूते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद खालिस्तानी समर्थकों ने दिलजीत को धमकियां दी हैं और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। बताया जा रहा है कि कुछ अलगाववादी संगठनों ने इसे अपनी विचारधारा के खिलाफ बताया है।दिलजीत दोसांझ का यह वीडियो एक अवॉर्ड शो का है। मंच पर जब अमिताभ बच्चन को सम्मानित किया गया तो दिलजीत ने आगे बढ़कर उनके पैर छुए। इस भावनात्मक पल को दर्शकों ने खूब सराहा और ताली बजाई, लेकिन कुछ खालिस्तानी समर्थक समूहों ने इसे ‘धार्मिक अपमान’ करार दिया। इन संगठनों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दिलजीत ने “पंजाबी अस्मिता” को ठेस पहुंचाई है।दिलजीत दोसांझ ने अब तक इस विवाद पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है। हालांकि, उनके करीबियों का कहना है कि दिलजीत अमिताभ बच्चन के बड़े प्रशंसक हैं और उन्होंने सिर्फ सम्मान के तौर पर पैर छुए थे। उनके मुताबिक, यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, जिसमें उम्रदराज़ और सम्मानित व्यक्तियों के प्रति आदर व्यक्त किया जाता है।वहीं, बॉलीवुड जगत के कई सितारों ने इस पर दिलजीत का समर्थन किया है। अभिनेता मनोज बाजपेयी, सोनू सूद और गायक जसलीन रॉयल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि किसी को अपनी संस्कृति और परंपरा के पालन के लिए धमकाना गलत है। कई आम यूजर्स ने भी खालिस्तानी धमकियों की आलोचना करते हुए कहा कि दिलजीत का भाव सच्चा और भारतीय संस्कृति के अनुरूप था।इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस पूरे मसले ने पंजाब की राजनीति को भी छू लिया है। कुछ स्थानीय नेताओं ने खालिस्तानी समर्थकों की इस मानसिकता की निंदा की और कहा कि यह पंजाबियों की असली पहचान नहीं है। पंजाबी संस्कृति हमेशा से ‘सबका सम्मान’ की बात करती आई है।वहीं दिल्ली और मुंबई में रहने वाले पंजाबी समुदाय के लोगों ने भी सोशल मीडिया पर #WeStandWithDiljit ट्रेंड कर दिया। कई फैन्स ने कहा कि दिलजीत दोसांझ ने हमेशा भारत का नाम रोशन किया है और उन्हें धमकाने वाले असली देशभक्त नहीं हैं।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस मुद्दे पर बहस जारी है। कई लोगों का कहना है कि खालिस्तानी आतंकियों और समर्थकों को सोशल मीडिया पर फैल रही नफरत के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि किसी को धमकी दी जाए या डराया जाए।वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस और साइबर सेल इस मामले की निगरानी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, यदि दिलजीत की सुरक्षा को खतरा महसूस हुआ तो उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी जा सकती है।यह विवाद एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि भारत में विविधता के बावजूद एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। सम्मान और संस्कार कभी भी गलत नहीं हो सकते, चाहे कोई भी धर्म या जाति हो।



