दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पिछले कई दिनों से राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि लोगों को सांस लेना भी मुश्किल लग रहा है। हालत इतनी खराब है कि एम्स (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने इसे ‘हेल्थ इमरजेंसी’ बताया है। उन्होंने साफ कहा है कि जिन लोगों के फेफड़े कमजोर हैं, जिन्हें सांस या दिल की बीमारी है, उन्हें तुरंत शहर छोड़ देना चाहिए या घर के अंदर ही रहना चाहिए।दिल्ली की हवा पर मंडरा रहा खतराकेन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 480 के ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में दृश्यता भी कम हो गई और लोगों की आंखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द और सूखी खांसी जैसे लक्षण बढ़ने लगे हैं।डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि यह स्थिति सिर्फ प्रदूषण नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुकी है। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए हेल्थ इमरजेंसी से कम नहीं है। बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इन दिनों बहुत ज्यादा खतरे में हैं।”कौन हैं सबसे ज्यादा जोखिम में?डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण का असर हर व्यक्ति पर पड़ रहा है, लेकिन खासतौर पर निम्नलिखित लोगों पर इसका असर गंभीर हो सकता है:अस्थमा या ब्रॉन्काइटिस के मरीजजिनके फेफड़े पहले से कमजोर हैंछोटे बच्चे और बुजुर्गगर्भवती महिलाएंदिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगडॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि इन लोगों को फिलहाल दिल्ली जैसी जगहों से दूर जाना चाहिए जहां हवा ज्यादा स्वच्छ हो। अगर जाना संभव नहीं है, तो बाहर निकलने से बचें, घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और प्रदूषण से बचने के उपाय अपनाएं।प्रदूषण के कारण और सरकार के कदमइस समय दिल्ली की हवा में जहरीले कणों (PM2.5 और PM10) की मात्रा बहुत ज्यादा है। इसके पीछे कई कारण हैं—पराली जलाने, निर्माण कार्य, वाहन प्रदूषण और ठंडी हवाओं की वजह से धुआं और धूल वातावरण में फंसी रह जाती है।सरकार ने स्कूल बंद करने और निर्माण कार्य पर रोक जैसे कदम उठाए हैं, लेकिन इस बार हालात और गंभीर लग रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत ट्रक प्रवेश पर रोक, डीजल जनरेटर बंद करने और औद्योगिक यूनिटों की निगरानी शुरू कर दी गई है।हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इन कदमों से तत्काल राहत मिलना मुश्किल है। हवा को साफ करने के लिए लंबी अवधि की रणनीति बनानी होगी, जिसमें हरियाली बढ़ाना, सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहन देना और साफ ईंधन का इस्तेमाल शामिल हो।लोग क्या करें अपनी सुरक्षा के लिएडॉक्टर गुलेरिया ने लोगों को कुछ सुझाव दिए हैं ताकि वे इस खतरनाक हवा से बच सकें:सुबह-शाम टहलने या एक्सरसाइज से बचें।N95 या N99 मास्क का उपयोग करें।घर के अंदर एयर प्यूरीफायर रखें या पौधों के जरिए हवा साफ करें।खान-पान में एंटीऑक्सिडेंट वाले फल और सब्जियां शामिल करें।बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से रोकें।दिल्लीवासियों में चिंता और गुस्साबढ़ते प्रदूषण ने दिल्लीवासियों को परेशान कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। कई लोग अपने परिवार को लेकर NCR से बाहर जाने की सोच रहे हैं।लोगों का कहना है कि हर साल यही स्थिति होती है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकलता। डॉक्टर गुलेरिया की चेतावनी ने इस बार लोगों को वाकई डरा दिया है।निष्कर्षदिल्ली की हवा जहरीली होती जा रही है। डॉक्टरों की सलाह को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आपके फेफड़े कमजोर हैं या सांस लेने में परेशानी है, तो फिलहाल शहर छोड़ देना ही बेहतर कदम है। अब यह सिर्फ पर्यावरण का नहीं, बल्कि जीवन और स्वास्थ्य का सवाल बन चुका है।
फेफड़े कमजोर हैं तो शहर छोड़ दें’ – दिल्ली की खतरनाक हवा पर डॉक्टर गुलेरिया की चेतावनी
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